LoveShayari030
इकरार और इंकार की कशमकश में,
फना हो गई जिंदगी।
हां सुनने को हम तरस गए।
ना उन्होंने की नहीं।
इकरार और इंकार की कशमकश में,
फना हो गई जिंदगी।
हां सुनने को हम तरस गए।
ना उन्होंने की नहीं।
कभी तेरी बातें भूल जाऊं, कभी तेरे लफ्ज़ भूल जाऊं,
इस कदर मोहब्बत है तुझसे के अपनी ज़ात भूल जाऊं,
तेरे पास से उठ के जब मैं चल दूँ ऐ मेरे हमदम,
जाते जाते खुद को तेरे पास भूल जाऊं।
रोज वो ख़्वाब में आते हैं गले मिलने को,
मैं जो सोता हूँ तो जाग उठती है किस्मत मेरी।
तेरी मोहब्बत, तेरी वफ़ा, तेरा इरादा सिर्फ तू जाने,
मै करता हूँ सिर्फ तुझसे मोहब्बत ये मेरा खुदा जाने।
इतनी बातें करोगी मुझसे तो,
इस दोस्ती को प्यार में,
बदलते देर नहीं लगेगी।
किसी पत्थर में मूर्त है, कोई पत्थर की मूर्त है,
लो हम ने देख ली दुनिया, जो इतनी खूबसूरत है,
दुनिया अपना न समझे कभी पर मुझे खबर है,
कि तुझे मेरी ज़रूरत है और मुझे तेरी ज़रूरत है।
तेरा ज़िक्र तेरी फ़िक्र तेरा एहसास तेरा ख्याल,
तू खुदा तो नहीं फिर हर जगह क्यों है।
बड़ी अजीब सी बंदिश है उसकी मोहब्बत में,
न वो खुद क़ैद कर सके न हम आज़ाद हो सके।
अब उसकी मोहब्बत पर मेरा हक तो नही रहा है,
लेकिन लगता है अब भी मेरा दिल उसका इंतज़ार कर रहा है।
वो मेरे दिल पर सिर रखकर सोई थी बेखबर।
हमने धड़कन ही रोक ली कि,
कहीं उसकी नींद ना टूट जाए।