Zindagi Shayari 025 इस दुनिया में कोई खुशियों की चाह में रोता है, कोई गमो की पनाह में रोता है, अजीब ज़िन्दगी का सिलसिला है, कोई भरोसे के लिए रोता है, कोई भरोसा करके रोता है।
Zindagi Shayari 023 ज़िन्दगी में कभी झुकना पड़े तो कभी मत घबराना, क्योंकि झुकता वही है जिसमे जान होती है, और अकड़ तो मुर्दे की पहचान होती है।
Zindagi Shayari 022 कुछ रहम कर ऐ ज़िन्दगी, थोडा संवर जाने दे। तेरा अगला जख्म भी सह लेंगे, पहले वाला तो भर जाने दे।