तेरे दीदार को निकलते है तारे,
तेरी महक से छा जाती है बहारे,
तेरे साथ दिखते हैं कुछ ऐसे नजारे,
अब तो चाँद भी तुझे छुप छुप के निहारे।
वहां तक चले चलो जहाँ तक साथ मुमकिन है,
जहाँ हालात बदलेंगे वहां तुम भी बदल जाना।
तेरे दीदार को निकलते है तारे,
तेरी महक से छा जाती है बहारे,
तेरे साथ दिखते हैं कुछ ऐसे नजारे,
अब तो चाँद भी तुझे छुप छुप के निहारे।
वहां तक चले चलो जहाँ तक साथ मुमकिन है,
जहाँ हालात बदलेंगे वहां तुम भी बदल जाना।